भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
सूचना / दुष्यंत कुमार
Kavita Kosh से
Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:48, 30 नवम्बर 2011 का अवतरण ("सूचना / दुष्यंत कुमार" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (बेमियादी) [move=sysop] (बेमियादी)))
कल माँ ने यह कहा –-
कि उसकी शादी तय हो गई कहीं पर,
मैं मुसकाया वहाँ मौन
रो दिया किन्तु कमरे में आकर
जैसे दो दुनिया हों मुझको
मेरा कमरा औ' मेरा घर ।