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होता रहता हूँ सदा / नंदकिशोर आचार्य

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एक ऐसी यात्रा में हूँ
ख़ुद जिसे
नहीं जाना है लेकिन
                  कहीं

एक मंज़िल पर हूँ
ख़ुद जो
भटकती ही रहती
                 लेकिन

अपनी धुरी पर थिर हूँ
लेकिन
किसी की परिक्रमा करता

हूँ
लेकिन
होता रहता हूँ सदा
ख़ुद खो कर ।

15 जून 2009