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बाक़ी अधूरा सब कुछ / नंदकिशोर आचार्य
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अधूरा था वह
—चाहे ईश्वर हो—
इस लिए कहा है मुझ को
ख़ुद को पूरा करने
मैं भी कहता हूँ
कविता
अपना प्रेम करने के लिए
पूरा
तुम कुछ कहती नहीं
बसाती मुझे
ख़ुद में
डूब जाती हो
पूरा है तुम्हारा प्रेम
बाक़ी अधूरा सब कुछ ।
—
14 नवम्बर 2009