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पास बैठो प्यार जतलाओ ज़रा / बल्ली सिंह चीमा

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पास बैठो प्यार जतलाओ ज़रा ।
मेरे दिल को अब तो समझाओ ज़रा ।

मौत से डर कर सदा चीख़ा किए,
ज़िन्दगी के गीत अब गाओ ज़रा ।

बात गाँधीवाद की छोड़ो जनाब,
भगत सिंह की राह दिखलाओ ज़रा ।

गीत ज़ुल्फ़ों के भी हम को हैं अज़ीज़,
पेट की खातिर भी पर गाओ ज़रा ।

अपने सीनों में दबी इस आग को,
धीरे-धीरे यार सुलगाओ ज़रा ।