भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

ईश्वर तुम्हारी मदद चाहता है / विश्वनाथप्रसाद तिवारी

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:44, 9 जनवरी 2012 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

बदल सकता है धरती का रंग
बदल सकता है चट्टानों का रूप
बदल सकती है नदियों की दिशा
बदल सकती है मौसम की गति

ईश्वर तुम्हारी मदद चाहता है
अकेले नहीं उठा सकता वह
इतना सारा बोझ।