Last modified on 11 फ़रवरी 2012, at 07:06

नया कोई गीत लें/राणा प्रताप सिंह

राणा प्रताप सिंह (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 07:06, 11 फ़रवरी 2012 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= राणा प्रताप सिंह }} {{KKCatNavgeet}} <poem>नया को...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

नया कोई गीत ले
जंग चलो जीत ले

घटती है नम्रता
बढ़ती उद्विग्नता
चुकती शालीनता
मीठा पाया है बहुत
आज चलो तीत ले

कथनी को तोल दे
दूजों को मोल दें
वातायन खोल दे
भीड़ भरी दुनियां में
खोज नया मीत लें

दृश्य ये विहंगम है
कष्टों का संगम है
जग सारा जंगम है
बासंती झोंके तज
आज शिशिर शीत लें