भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

ऐसा होता है किसी को भूलना / येहूदा आमिखाई

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:29, 21 फ़रवरी 2012 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKAnooditRachna |रचनाकार=येहूदा आमिखाई |संग्रह= }} [[Category:यहू...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: येहूदा आमिखाई  » ऐसा होता है किसी को भूलना

जैसे आप पिछवाड़े बरामदे की बत्ती बुझाना भूल जाएं
ऐसा होता है किसी को भूलना
सो वह जली रहती है अगले दिन भर

लेकिन फिर रौशनी ही आपको
दिलाती है याद

अँग्रेज़ी से अनुवाद  : निशान्त कौशिक