भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
ठकुरसुहाती जुड़ी जमातें / शीलेन्द्र कुमार सिंह चौहान
Kavita Kosh से
Sheelendra (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:55, 4 मार्च 2012 का अवतरण
ठकुरसुहाती जुड़ी जमातें
ठकुर सुहाती जुड़ी जमातें
अंधे रेउडी बाँटें
कुटिया महल बीच की खाँई
लँगड़े लूले पाटैं
मुँह में राम बगल में छूरी
धंधा सीनाजोरी
गउवैं मरैं पियासी घर की
फिरैं लगाते होरी
चिकनी चुपड़ी बातों वाले
माल पुआ नित काटैं
लगी हुयी वंसियाँ तटों पर
डाले जाल मछेरे
खूनी किरणों के प्रहार से
घायल हुएं सबेरे
बिन बादल के आसमान से
रोज बिजलियाँ फाटैं
गौतम गाँधी की तस्वीरें
दीवालों पर लटकीं
जारों में पल रही मछलियाँ
बैठक घर में फिर भी
उल्टा चोर खड़े थानों में
कोतवाल को ड़ाँटें।