भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

अमलतास (हाइकु) / भावना कुँअर

Kavita Kosh से
Dr. ashok shukla (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:40, 19 मार्च 2012 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= भावना कुँअर |संग्रह=तारों की चून...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

(अमलतास)
देखा भागता
अमलतास आता
हल्दी चुराता ।

(यादें)
पंछी बन के
विचरती थी यादें
धरा पे गिरी ।

 (भटकता मन)
लिए फिरता
मैं भटकता मन
प्रवासी बन ।

(रिश्ते)
साथ हैं काँटे
फिर भी मुस्कराते
रिश्ते निभाते ।

(त्रासदी)
झुलस गई
संवेदना की बेल
त्रासदी खेल ।

 ( नींद)
सौगात जब
आतंक का बिस्तर
तो नींद कहाँ ।