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लौटता है इतिहास / मदन गोपाल लढ़ा
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पुराना एलबम देखने के बाद
लगता है
जैसे लौटा हूँ
अतीत की यात्रा से।
पत्थरों और शब्दों की तरह
फोटो में भी
बसता है इतिहास
पाकर नम निगाहों का स्पर्श
हरा हो जाता है
अतीत की किताब का
कोई पृष्ठ।
फोटो की मार्फत
फिर-फिर लौटता है
इतिहास
वर्तमान में।