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गुडिय़ा (3) / उर्मिला शुक्ल

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उसने बनाई थी
एक गुडिय़ा
रसोई और बाथरूम के बीच
कवायद करती गुडिय़ा।
स्टोव के फटते ही
मांस के लोथड़ों में
बदल गई उसकी गुडिय़ा।
मन पूछता है मुझसे
आखिर कब तक
कब तक मैं
बनाती रहूंगी गुडिय़ा