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यात्रा (1) / राकेश कुमार पालीवाल
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यह जरूरी नहीं
कि घुमक्कडी के लिये
हर रोज चलें
दस बीस मील जंगल बीहड
कहीं संयत चित बैठकर भी
हो सकती हैं अर्थपूर्ण यात्राएं
हमारा अंतश भी तो
वन जंगल से कम बीहड नही