शिशर ने पहन लिया वसन्त का दुकूल
गंध बह उड़ रहा पराग धूल झूले
काँटे का किरीट धारे बने देवदूत
पीत वसन दमक रहे तिरस्कृत बबूल
अरे ! ऋतुराज आ गया !!
शिशर ने पहन लिया वसन्त का दुकूल
गंध बह उड़ रहा पराग धूल झूले
काँटे का किरीट धारे बने देवदूत
पीत वसन दमक रहे तिरस्कृत बबूल
अरे ! ऋतुराज आ गया !!