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गौरक्षक / नासिर अहमद सिकंदर

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सफर करते हुए
अनेकानेक दृश्य गुजरे
नदी
पहाड़
जंगल
खेत
खेतों की उपज
कुछ अपने आप फूले फूल
कुछ अपने आप फले फल
इन सब दृश्यों में
एक दृश्य यह भी जीवंत
कि मैदान में
चर रही थीं बीस-तीस गायें लगभग एक साथ
और उनकी रखवाली में
बैठा एक चरवाहा
बीस-तीस की ही उम्र का
अब इस दृश्य के ठीक बीस-तीस मिनट बाद ही
मैं पहुंच जाऊंगा राजधानी
अपने राज्य की
जहां सरकारी तंत्र के
गौरक्षक हैं ।