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मैडम मरियम्मा की केश सज्जा / नासिर अहमद सिकंदर

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मैडम मरियम्मा के केश
इतने घुंघराले
और छल्लेदार हैं
कि कोई चिड़िया यदि रस्ता भूले
तो ठहर जाये
मरियम्मा मैडम के केशों में
उसके केश क्योंकि
पश्चिमी ढंग से
उतने कटे भी नहीं
कि ‘बॉय कट’
केश सज्जा का जितना सुन्दर नमूना
मैडम मरियम्मा पेश करती हैं
दुर्लभ है
ताज समझती है वह केशों को
देशी फूलों से सजाती
गुलाब या फिर
चमेली की माला
किसी भी बहुराष्ट्रीय उत्पाद के
शेम्पू से
एलर्जी है उसके केशों को
जिस मैडम का मैं जिक्र कर रहा हूँ
वह परामर्श विभाग में
अटेन्डेन्ट के पद पर कार्य करती है
पिछले बीस वर्षों से
इतना जान लेने के बाद अब
मैडम मरियम्मा के
धर्म का जिक्र न करें
क्योंकि वह डरती है
क्योंकि उसका गृह नगर
गुजरात के ‘डॉंग’ जिले में है
धर्म का जिक्र यूँ भी न करें
क्योंकि श्रम होता है आगे
किसी भी धर्म से ।