श्री रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' और डॉ भावना कुँअर के संपादन में अयन प्रकाशन से चंदन मन शीर्षक से प्रकाशित हाइकु संकलन चन्दनमन’ में अठारह हाइकुकारों के हाइकु संकलित हैं।
हाइकु विशेषज्ञों द्वारा हाइकु काव्य की दर्ज़नों परिभाषाएँ दी गई हैं-
- ‘वह क्षण काव्य है’,
- ‘शाश्वत सत्य की ओर संकेत करता है ,
- ’ सतरह अक्षरी स्वयं में पूर्ण छविचित्र है’,
- ’सद्य पभावी है’,
- ‘एक श्वासी काव्य है’,
- ’लघुता में सत्य की प्रतीति कराता है’ आदि-आदि।
सम्पादक द्वय ने ‘मनोगत’ शीर्षक भूमिका में हाइकु के सनातन सत्य ‘क्षण की अनुभूति’ को हाइकु विधा / छन्द में विशेष महत्त्व दिया गया है।