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पेड़ से गिरा वह पत्ता / सुमन केशरी

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पेड़ से गिरा वह पत्ता
धीरे से आ बैठा
तेज़ चलते क़दम रुक गए
एक ओस कण झिलमिलाया
बैठा था पत्ते की गोद में
उसी के भार से तो पत्ता
धरती पर यूँ उतरा था
जैसे माँ बैठती है बच्चे को गोद में लिए...

सूरज की किरणों में
कई-कई इन्द्रधनुष तिरे
शिशु-सा कलरव करता
बैठा है कण
माँ की गोद में