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हाइकु-2 / रचना श्रीवास्तव
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1
समय कम
काम ज्यादा भूला वो
एक था वादा
2
अकेला भाई
बहनों की है फौज
क्या क्या करे वो
3
वो करे काम
सूर्य के जलने से
बुझने तक
4
बहन देखे
स्नेह शब्दों- की बाट
आए ही नहीं
-5
स्नेह रस में
पगे शब्द मिले तो
नेत्र छलके
6
भाई का नाता
पावन गंगा जल
कभी न टूटे
7
बहन माँगे
झोली भर खुशियाँ
भाई के लिए
8
भाई है चाँद
बहन के अम्बर का
कभी न डूबे
9
सूर्य का ताप
तुम तक न आए
बहन सोचे
10
अम्बर तक
बहन चढ़े सीढ़ी
भाई के संग
11
भाई अँगना
बहन चुगे दाना
बन गौरैया
-0-