Last modified on 25 मई 2012, at 13:01

तुमसे प्रेम करते हुए-एक / कमलेश्वर साहू

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:01, 25 मई 2012 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कमलेश्वर साहू |संग्रह=किताब से निक...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)


प्रेम करने में
और प्रेम को बचाये रखने में
जोखिम है बहुत
और यह जोखिम उठाने के लिये
किया है मैंने तुमसे प्रेम
तुमसे प्रेम करना
सिर्फ तुमसे प्रेम करना नहीं है
इस दुनिया से भी प्रेम करना है
तुम्हारे लिये जीने का अर्थ
तुम्हारे लिये जीना तो है
इस दुनिया के लिये भी जीना है
इस दुनिया के लिये मरने का अर्थ
तुम्हारे लिये मरना
कतई नहीं है !