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मौसमों के हवाले से / विपिन चौधरी

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शुरूआत से
बिलकुल आख़िर तक का सफ़र ।
इन बदलते हुए मौसमों के साथ ।

जीवन की पहली पंक्ति
और कोई भी क्रमबद्ध मौसम ।

समय के साथ-साथ
तयशुदा मौसमों के बीच
अपने मतलब के मौसम की खोजबीन ।

मिला-जुला मौसम बंसत का दर्प,
पतझर का रुदन,
सर्दी गर्मी का तंगहाल मौसम ।

हर मौसम है इंतज़ार का ठहरा हुआ मौसम
सभी मौसमों के हवाले से आया है यह बयान ।