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बसंत / कविता गौड़
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आया बसंत - आया बसंत
रंग हजार लाया बसंत
कुछ फूलों में कुछ कलियों में
कुछ मधुबन की गलियों में
कुछ पलाष में
कुछ गुलमोहर की कलियों में
कुछ कोयल की कूक में
कुछ आमों के बौर में
कुछ सुंदर नये पत्तों में
कुछ अच्छे मौसम में
कुछ प्यार में
कुछ मुनहार में
प्रेम रस लाया बसंत
आया बसंत आया बसंत
रंग हजार लाया बसंत