भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

दंभ की आग ( हाइकु) /रमा द्विवेदी

Kavita Kosh से
Dr. ashok shukla (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:05, 22 जून 2012 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

    
१- क्या -क्या जंजाल
इक्कसवीं सदी में
सब बेहाल |

२- दंभ की आग
जल रहा आदमी
बुझे तो कैसे?

३- जीवन -यात्रा
फूल मिलें या काँटे
फिर भी चलें|

४- शीत-लहर
प्रकृति का कहर
मौत -पैगाम |