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कोई और रात / उंगारेत्ती
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इस अँधेरे में
ठिठुरते हाथों से
सँवारता हूँ मैं
अपना चेहरा
पाता हूँ स्वयं को
अनन्त में विलीन हुआ ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : सुरेश सलिल