विनीत उत्पल / परिचय
विनीत उत्पल
जन्म: 7 अप्रैल, 1978, ननिहाल पूर्णिया जिले के सुखसेना गांव में)। पैत्रिक घर: आनंदपुरा, मधेपुरा। प्रारंभिक शिक्षा मुंगेर जिला अंतर्गत रणग्राम और तारापुर में। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर से गणित विषय में बीएससी (आनर्स), मारवाड़ी कॉलेज, भागलपुर। जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नई दिल्ली के हिंदी विभाग से जनसंचार और रचनात्मक लेखन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा। भारतीय विद्या भवन, नई दिल्ली से अंग्रेजी पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा। गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय, हिसार से जनसंचार में मास्टर डिग्री। जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नई दिल्ली के नेल्सन मंडेला सेंटर फॉर पीस एंड कानफ्लीक्ट रिजोल्यूलशन के पहले बैच के छात्र रहे हैं और सर्टिफिकेट भी प्राप्त किया है। भारतीय विद्या भवन, नई दिल्ली से इन्होंने फ्रेंच भाषा की तालीम भी ली है।
पत्रकार, लेखक, कवि और अनुवादक विनीत उत्पल, दैनिक भास्कर, दिल्ली प्रेस, हिन्दुस्तान, देशबंधु में पत्रकारिता करने के बाद इन दिनों राष्ट्रीय सहारा, नई दिल्ली में वरिष्ठ उपसंपादक के पद पर कार्यरत हैं। हिन्दी, मैथिली, अंग्रेजी भाषा में विपुल लेखन करने वाले विनीत ने सुनीता नारायण, शशि थरूर, महेश रंगराजन आदि के लेखों का अंग्रेजी से हिन्दी में अनुवाद किया है। साहित्य अकादमी से पुरस्कृत हिन्दी के वरिष्ठ कथाकार उदयप्रकाश की कहानी/उपन्यास 'मोहनदास" का मैथिली अनुवाद का श्रेय इन्हीं के पास है। वरिष्ठ पत्रकार अरविंद मोहन द्वारा संपादित 'लोकतंत्र का नया लोक" में उपलब्ध द्वैपायन भट्टाचार्य, जी.कोटेश्वर प्रसाद और नलिनी रंजन मोहंती के अंग्रेजी लेखों का अनुवाद और पुनर्लेखन का काम इन्होंने ही किया है। अनियमितकालीन कला पत्रिका 'कैनवास" में समन्वय संपादक। छात्र जीवन के दौरान रोट्रेक्ट क्लब, भागलपुर (रोटरी इंटरनेशनल की युवा शाखा) से जुड़े रहकर इससे संबद्ध तमाम पत्र-पत्रिकाओं का संपादन। जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नई दिल्ली के हिन्दी विभाग में अध्ययन के दौरान 'हमारी पहचान" नामक पाक्षिक समाचार पत्र के संपादक मंडल के सदस्य। विनीत ने दिल्ली से प्रकाशित होने वाली राष्ट्रीय अंग्रेजी समाचार पत्रों में ग्रामीण विकास की खबरों के विश्लेषण, हिन्दी के प्रचार-प्रसार में केंद्रीय वित्त मंत्रालय का योगदान के अलावा गुजरात दंगों में अंग्रेजी और गुजराती मीडिया की भूमिका पर लघुशोध भी किया है। मैथिली कविता संग्रह 'हम पुछैत छी" प्रकाशित।