भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

हाइकु / भावना कुँअर

Kavita Kosh से
Dr. ashok shukla (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:01, 17 जुलाई 2012 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

1
दुल्हन झील
तारों की चूनर से
घूँघट काढ़े ।
2
लेटी थी धूप
सागर तट पर
प्यास बुझाने !
3
लिये बैठी
गुलाब की पाँखुरी
ओस की बूँद ।
4
घेरे हैं मुझे
उदासियों के घेरे
साँझ सवेरे ।
5
आसमान में
काले सर्प -सा धुआँ
फन फैलाए !
6
चिड़ियाँ गातीं
घण्टियाँ मन्दिर की
गीत सुनाती ।
7
है डिस्को यहाँ
छुए जो मन को वो
भजन कहाँ ?