Last modified on 17 जुलाई 2012, at 21:17

अर्थ जब खोने लगे / अनूप भार्गव

Dr. ashok shukla (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:17, 17 जुलाई 2012 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)


अर्थ जब खोने लगे
शब्द भी रोने लगे ।

जब वो आदमकद हुए
सब उन्हें बौने लगे ।

ज़ख्म न देखे गये जब
अश्रू से धोने लगे ।

एक जज़्बा था अभी तक
आप तो छूने लगे ।

कब तलक ये ख्वाब देखूँ
वो मेरे होने लगे ।

कब कहानी मोड़ ले ले
आप तो सोने लगे ।