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झाड़ू-4 / प्रभात
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रात के अँधेरे में डूब गए हैं पृथ्वी और आकाश
ऐसे क़ायम है अँधेरा जैसे शैतान का विश्वास
फिर एक रात चाकू-सी दिखती है आकाश में
चाँद की झाड़ू