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सूर्य और तारे चंदा / शम्भु बादल

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सुबह-सुबह
सूर्य ने
तारों को
चंदा को
उजाले के कमरे में
बन्द किया

शाम बीतते ही
तारों ने
चंदा ने
दरवाज़े तोड़
मुक्ति की साँस ले
सूर्य को फाँस लिया
अँधेरे और
चाँदनी के
कमरे में
क़ैद किया