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एक दिन यह राह / अज्ञेय

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एक दिन यह राह पकड़ूँगा
सदा यह जानता था। पर
अभी कल भी मुझे सूझा नहीं था
कि वह दिन
आज होगा!

बर्कले (कैलिफ़ोर्निया), जून, 1969