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घेरे / अज्ञेय

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परिचितियाँ
घेरे-घेरे-घेरे
अँधेरे गहनतम निविडतम एकान्त
-आलोक निर्भ्रान्त!

नयी दिल्ली, 15 जुलाई, 1968