भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
ब्रह्म के आनन तें निकसे / भूषण
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:48, 28 अगस्त 2012 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=भूषण }} ब्रह्म के आनन तें निकसे अत...' के साथ नया पन्ना बनाया)
ब्रह्म के आनन तें निकसे अत्यंत पुनीत तिहूँ पुर मानी .
राम युधिष्ठिर के बरने बलमीकहु व्यास के अंग सोहानी.
भूषण यों कलि के कविराजन राजन के गुन गाय नसानी.
पुन्य चरित्र सिवा सरजे सर न्हाय पवित्र भई पुनि बानी .