Last modified on 29 अगस्त 2012, at 21:38

जीवन गाते गाते बीते / गुलाब खंडेलवाल

Vibhajhalani (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:38, 29 अगस्त 2012 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)


       जीवन गाते-गाते बीते
और पहुँच कर अन्तिम सुर पर सुमनान्जलि-सा रीते

 दिन भर सागर-तट पर गाऊँ
  बालू के घर बना-मिटाऊँ
  गाते ही गाते घर आऊँ
                             सोच न हारे-जीते

 नव नव धुन जागे क्षण-क्षण में
 नित नव राग उठे जीवन में
 गीतों मे सज दूँ जो मन में
                            दुख हों मीठे-तीते
                         जीवन गाते-गाते बीते
और पहुँच कर अन्तिम सुर पर सुमनान्जलि-सा रीते