भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
कमरे में रहने वाला चाँद / योशियुकी रिए
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:16, 22 अक्टूबर 2012 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKAnooditRachna |रचनाकार=योशियुकी रिए }} [[Category:जापानी भाष...' के साथ नया पन्ना बनाया)
|
चाँद
मसखरे की तरफ़ देखता है
मसखरा
हवा में कलाबाज़ियाँ लगाता है
चाँद बेहद डर जाता है
ऊपर से
चाँद
देखता है मसखरे की तरफ़
मेरे कमरे में आकर रहने लगा है
बिल्ली-सा चाँद
सुबह-सवेरे अचानक ग़ायब हो जाता है
मसखरे को अपने साथ लेकर
मूल जापानी से अनुवाद : रोली जैन