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एक झिझक-सी फिर भी / सत्यनारायण सोनी
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लिखता हूं
कुछ पंक्तियां
और टांगता हूं
एफबी<ref>फेसबुक</ref> की खूंटी।
एक झिझक-सी
फिर भी रहती,
कविता इसको
कैसे कहूं !
2012
शब्दार्थ
<references/>