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ग़रीब देश-1 / पवन करण

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आपके दिए इस नाम ने मुझे
अपना असली नाम भुला दिया है

आप मेरे लिए सहायता भेजते हैं
डालर मंज़ूर करते है पीछे-पीछे
आपकी कँपनियाँ चली आती हैं

मुझे ज़बरदस्ती हथियार बेचकर
भाग जाते हैं आपके भेजे डालर
में रोटियों में नहीं बदल पाता हूँ
मेरा ख़ाली पेट मेरी पहचान है
और मेरी भू़ख मेरी गाथा

मैने बरसों से भर-पेट नहीं खाया
बहुत कमज़ोर हूँ मैं, जो आपकी कँपनियाँ
मेरे हाथों में थमा जाती हैं
उन बंदूकों को पकड़कर
मैं खड़ा तक नहीं हो पाता हूँ