रवि रश्मि किरीट धरे द्युति कुन्तलों की नव नीर धरों पय  लिए
श्रुति भार हितैषी स्ववादित वीण का किन्नरों से भ्रमरों  पय  लिए
उतरी पड़ती नभ से परी सी मानो स्वर्ण प्रभात परों पय  लिए
किरणों के करों सरों के जलजात उषा की हँसि  अधरों पय  लिए
रवि रश्मि किरीट धरे द्युति कुन्तलों की नव नीर धरों पय  लिए
श्रुति भार हितैषी स्ववादित वीण का किन्नरों से भ्रमरों  पय  लिए
उतरी पड़ती नभ से परी सी मानो स्वर्ण प्रभात परों पय  लिए
किरणों के करों सरों के जलजात उषा की हँसि  अधरों पय  लिए