भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

लगाव / अनिरुद्ध उमट

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:34, 22 जनवरी 2013 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अनिरुद्ध उमट |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poem> ए...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

एक कुम्हारिन से
माँ
लगाव हुआ

बनाती नहीं
मिट्टी से बरतन
लेपती रहती मुझ पर

घुमाती रहती
चाक पर

मैं कैसा बना
तू बता

किसी काम का भी रहा

आज तो उसने
खुद को चाक पर चढ़ा लिया
लेप लिया मुझे