Last modified on 25 मार्च 2013, at 01:02

प्रतिबद्धता / पाश

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 01:02, 25 मार्च 2013 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=पाश |संग्रह= }} Category:पंजाबी भाषा {{KKCatK...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

हम चाहते है अपनी हथेली पर कुछ इस तरह का सच
जैसे गुड़ की चाशनी में कण होता है
जैसे हुक्के में निकोटिन होती है
जैसे मिलन के समय महबूब की होठों पर
कोई मलाई जैसी चीज़ होती है