यार ज़रा माहौल बना 
हर पल में उठा सदियों का मज़ा 
जो  गया सो बीत गया 
जो बीतना है वो हंस के बिता 
यार ज़रा माहौल बना 
हर पल में पी बस एक दवा 
जी खोल के जी, जी जान से जी 
कुछ कम ही सही पर शान से जी 
देख ले आँखों में आंखें डाल 
सीख ले हर पल में जीना यार 
सोच ले जीवन के पल हैं चार 
याद रख मरना है एक बार 
मरने से पहले जीना सीख ले 
देख ले आँखों में आंखें डाल 
सीख ले
बैयाँ खुशियों की थाम के बैयाँ 
गम की मरोड़ कलइयां 
गम का यारों गम मत करना
छोड़ दे अब तो हर पल मरना 
मरने से पहले जीना सीख ले 
बैयाँ साँसों की खुद पे डाले बैयाँ 
जीवन है बर्फ की नैया 
नैया पिघले हौले हौले 
चाहे हंस ले चाहे रोले 
मरने से पहले जीना सीख ले
यह गीत राहत इन्दौरी ने फ़िल्म 'मुन्ना भाई एमबीबीएस' (2003) के लिए लिखा था ।