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बन्नी मेरी चन्द्रकला सी / हिन्दी लोकगीत

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

बन्नी मेरी चन्द्रकला सी, न जाने वर कैसा मिलेगा
बन्नी के बाबा वर ढूंढें निकले, दादी खड़ी हैं उदासी
न जाने वर कैसा मिलेगा
बन्नी मेरी चन्द्रकला सी, न जाने वर कैसा मिलेगा

बन्नी मेरी चन्द्रकला सी, न जाने वर कैसा मिलेगा
बन्नी के ताऊ वर ढूंढें निकले, ताई खड़ी हैं उदासी
न जाने वर कैसा मिलेगा
बन्नी मेरी चन्द्रकला सी, न जाने वर कैसा मिलेगा

बन्नी मेरी चन्द्रकला सी, न जाने वर कैसा मिलेगा
बन्नी के पापा वर ढूंढें निकले, मम्मी खड़ी हैं उदासी
न जाने वर कैसा मिलेगा
बन्नी मेरी चन्द्रकला सी, न जाने वर कैसा मिलेगा

बन्नी मेरी चन्द्रकला सी, न जाने वर कैसा मिलेगा
बन्नी के फूफा वर ढूंढें निकले, बुआ खड़ी हैं उदासी
न जाने वर कैसा मिलेगा
बन्नी मेरी चन्द्रकला सी, न जाने वर कैसा मिलेगा