बाग लगाये मधुबन में / हिन्दी लोकगीत
- अंगिका लोकगीत
- अवधी लोकगीत
- कन्नौजी लोकगीत
- कश्मीरी लोकगीत
- कोरकू लोकगीत
- कुमाँऊनी लोकगीत
- खड़ी बोली लोकगीत
- गढ़वाली लोकगीत
- गुजराती लोकगीत
- गोंड लोकगीत
- छत्तीसगढ़ी लोकगीत
- निमाड़ी लोकगीत
- पंजाबी लोकगीत
- पँवारी लोकगीत
- बघेली लोकगीत
- बाँगरू लोकगीत
- बांग्ला लोकगीत
- बुन्देली लोकगीत
- बैगा लोकगीत
- ब्रजभाषा लोकगीत
- भदावरी लोकगीत
- भील लोकगीत
- भोजपुरी लोकगीत
- मगही लोकगीत
- मराठी लोकगीत
- माड़िया लोकगीत
- मालवी लोकगीत
- मैथिली लोकगीत
- राजस्थानी लोकगीत
- संथाली लोकगीत
- संस्कृत लोकगीत
- हरियाणवी लोकगीत
- हिन्दी लोकगीत
- हिमाचली लोकगीत
बाग लगाये मधुबन में, खिलेंगे फूल मन में,
खुशी का दिन आया है।
बन्नी पूछो बन्ने अपने से, कौन तपस्या तुमने कीनी,
बन्नी तो बड़ी सुन्दर है।
बाबा अपने का हुक्म बजाया, दादी के कहे आज्ञाकारी,
बन्नी तो बड़ी सुन्दर है।
बाग लगाये मधुबन में, खिलेंगे फूल मन में।
बाग लगाये मधुबन में, खिलेंगे फूल मन में,
खुशी का दिन आया है।
बन्नी पूछो बन्ने अपने से, कौन तपस्या तुमने कीनी,
बन्नी तो बड़ी सुन्दर है।
पापा अपने का हुक्म बजाया, मम्मी के कहे आज्ञाकारी,
बन्नी तो बड़ी सुन्दर है।
बाग लगाये मधुबन में, खिलेंगे फूल मन में।
बाग लगाये मधुबन में, खिलेंगे फूल मन में,
खुशी का दिन आया है।
बन्नी पूछो बन्ने अपने से, कौन तपस्या तुमने कीनी,
बन्नी तो बड़ी सुन्दर है।
भईया अपने का हुक्म बजाया, भाभी के कहे आज्ञाकारी,
बनी तो बड़ी सुन्दर है।
बाग लगाये मधुबन में, खिलेंगे फूल मन में।