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मुझ से समुद्र छीन कर / ओसिप मंदेलश्ताम
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मुझ से
समुद्र छीन कर
छीन कर
दौड़ और उड़ान
मेरी एड़ियों को
बलपूर्वक
ज़मीन में ठोंककर
आपको क्या मिला ?
आपने
हिसाब पूरा कर लिया
शानदार ढंग से
पर
मेरे फड़फड़ाते होंठ
मुझ से
आप छीन नहीं पाए
(रचनाकाल : 1935)