भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

हे ख़ुदा! / ओसिप मंदेलश्ताम

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:42, 15 अक्टूबर 2007 का अवतरण (New page: {{KKGlobal}} {{KKAnooditRachna |रचनाकार=ओसिप मंदेलश्ताम |संग्रह=तेरे क़दमों का संगीत / ओसिप ...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: ओसिप मंदेलश्ताम  » संग्रह: तेरे क़दमों का संगीत
»  हे ख़ुदा!

ऎ ख़ुदा !

आज तू मदद कर मेरी !

रात यह गुज़ार लूँ मैं किसी तरह


मैं डरता हूँ इस जीवन को

खो न दूँ मैं

तेरे इस सेवक को...


पितेरबुर्ग में जीना

ऎसे ही जैसे

किसी ताबूत में सोना


पितेरबुर्ग= पीटर्सबर्ग (लेनिनग्राद) नगर को रूसी भाषा में पितेरबुर्ग कहते हैं ।


(रचनाकाल : 1931)