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लड़कियाँ / समझदार किसिम के लोग / लालित्य ललित

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लड़कियां
समय से पहले
जवान दिख रही हैं
माँ बाप धृतराष्ट बने हैं
उनकी आंख में रतोंधी है
कम दिखता है...
लड़कियां
लड़कियों-सी रहीं नहीं
विज्ञापन की दुनिया का इश्तहार हो चली हैं
और
माँ-बाप इडियट बक्सा !
देखो
बाजार पट गया है
लुभावने इश्तहारों से
लड़कियां कहां हैं
वे तो
अब हो गई हैं
विज्ञापनी इश्तिहार