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कोन उपायें छोड़ती माइ हमर संग / तारानंद वियोगी
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बहुत मनसुआसँ देने छल हेती जन्म
कतेको रास नियार-भास
कतेको कतेक आस-मनोरथ
घुमड़ैत रहैत छल हेतनि हुनका चतुर्दिक
ओहि नव मासमे, जा हम हुनका गर्भमे रही।
ओहि एक कालखण्डमे
जतेक जे माइ रहल हेत कल्याणक योग्यताधारी
(चौरासी लाख योनिक मध्य)
सभक बीच रहल हेतनि एक मूक प्रतिस्पर्धा।
अपन अस्तित्वकें काटि-काटि
सक्क भरि चिक्कन-चुनमुन गढ़ि-गढ़ि
ओ हमरा देने छल हेती आकार।
एहि पृथ्वीकें जो अपन सर्वोत्तम दाय देने छल हेती
-हमरा रूपमे
जे कि ओ द’ सकैत छल हेतीह
-आ प्रतिस्पर्धामे लेले छल हेती भाग।
कोना हम मानब जे माइ हमर मरि गेली
आ छोड़ि गेली संग !
जा हम जीबैत छी
कोन उपायें छोड़ती ओ हमर संग ?