शुरू होता है
गिटार का रुदन ।
चकनाचूर हैं
भोर के प्याले ।
शुरू होता है
गिटार का रुदन ।
व्यर्थ है
उसे चुप कराना ।
असम्भव
उसे चुप कराना ।
वह रोता जाता है
बोझिल
पानी रोता है
और बर्फ़ के खेतों पर
रोती जाती है हवा ।
असम्भव
उसे चुप कराना ।
वह रोता है
सुदूर चीज़ों के वास्ते ।
गर्म दक्षिणी रेत मरा करती है
कैमेलिया के सफ़ेद फूलों की चाह में ।
तीर रोता है अपने लक्ष्य के लिए
शाम भोर के लिए
और टहनी पर
वह पहली मृत चिड़िया ।
ओ गिटार!
ओ पाँच तलवारों से
जानलेवा बींधे हुए हृदय !