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जिस का तू आशना हुआ होगा / मीर 'सोज़'
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जिस का तू आशना हुआ होगा
उस ने क्या क्या सितम सहा होगा
थर-थराता है अब तलक ख़ुर्शीद
सामने तेरे आ गया होगा
ये तो मैं जानता हूँ झूटों ने
कुछ तुझे झूट सच कहा होगा
पर ये इतना जो मुँह बनाया है
न मिलोगे न और क्या होगा
रात अँधेरे उजाले गलियों में
जो तुझे कोई मिल गया होगा
सोज़ को तूने क्यूँ दिया बोसा
हम को भी दे तेरा भला होगा