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जान अपने लिए खो लेने दे / 'जिगर' बरेलवी
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जान अपने लिए खो लेने दे
मुझ को जी खोल के रो लेने दे
मिट गए अब तो सब अरमाँ-ए-दिल
अब तो चैन से सो लेने दे
ना-ख़ुदाई नहीं करना है अगर
मुझ को कश्ती ही डुबो लेने दे
फ़िक्र-ए-वीरानी-ए-दिल क्या है अभी
पहले आबाद तो हो लेने दे