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चलो बाँट लेते हैं अपनी सज़ायें / सरदार अंजुम
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चलो बाँट लेते हैं अपनी सज़ायें
ना तुम याद आओ ना हम याद आयें
सभी ने लगाया है चेहरे पे चेहरा
किसे याद रखें किसे भूल जायें
उन्हें क्या ख़बर हो आनेवाला ना आया
बरसती रहीं रात भर ये घटायें