भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
बात / अशोक चक्रधर
Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:06, 9 नवम्बर 2007 का अवतरण (New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अशोक चक्रधर |संग्रह=ए जी सुनिए / अशोक चक्रधर }} बात होनी ...)
बात होनी चाहिए
सारगर्भित
और छोटी !
जैसे कि
पहलवान की लंगोटी।